Teaching Career: टीचिंग में करियर बनाएं, जानें कैसे करें तैयारी
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एक टीचर का समाज को बदलने में सबसे बड़ा योगदान होता है औऱ उनका यही योगदान उन्हें समाज में सम्मानित जगह भी दिलाता है। यही वजह है कि आज के इस बदलते दौर में प्रतिष्ठित पद और अच्छी कमाई ने अधिकांश युवा वर्ग का ध्यान टीचिंग की तरफ़ आकर्षित किया है। लेकिन इसके लिए भी काफ़ी मेहनत करनी पड़ती है, तो आइए जानते हैं कि टीचिंग में कैरियर कैसे बनाएं और कैसे करें तैयारी—
टीचिंग के लिए योग्यताएं (एलिजिबिलिटी) और कोर्स –
टीचिंग के करियर को हम सबसे पहले पांच भागों में बाँट लेते हैं--
- नर्सरी स्कूल टीचर
- प्राइमरी/मिडिल स्कूल टीचर
- हाई स्कूल टीचर
- इण्टरमीडिएट स्कूल टीचर
- कॉलेज प्रोफेसर और लेक्चरर
इन सभी कैटेगरी के लिए आपकी शैक्षिक योग्यता भी अलग-अलग होगी। इस बारे में हम आगे विस्तार से बतायेंगे।
टीचिंग के लिए सबसे पहली योग्यता 12 वीं पास होना है और हाँ इस बात का भी ध्यान रखना है कि आप जिस भी स्ट्रीम (ह्यूमैनिटीज, कॉमर्स,साइंस) से 12वीं पास करेंगे, उसी स्ट्रीम से आपके टीचिंग करियर की शुरुआत होगी, फिर आपको ग्रेजुएशन करना होगा। इसके बाद आपको टीचिंग प्रोफेशन में जाने के लिए कुछ कोर्स करना पड़ेगा। जिसके बाद ही आप इस प्रोफेशन में जाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
ग्रेजुएशन के बाद आप इनमें से कोई एक कोर्स कर सकते हैं --
- बीटीसी कोर्स (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट)
- एन०टी०टी कोर्स (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग)
- बी०एल०एड कोर्स ( बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन )
- डी०एल०एड कोर्स (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन)
- बी०पी०एड कोर्स (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन)
- डीपीई कोर्स ( डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन)
- बी०एड कोर्स ( बैचलर ऑफ एजुकेशन)
- टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट)
- सीटीईटी (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट)
- एसटीईटी (स्टेट टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट)
- यूजीसी नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट)
(1) बीटीसी कोर्स (बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट)
ये कोर्स हर राज्यों में अपने तरीके से होता है। इस कोर्स को करने के लिए कैंडिडेट को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम 50% मार्क्स से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करनी होगी। इसके अलावा, किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन भी कम्पलीट होना चाहिए। बीटीसी में प्रवेश के लिए आयु सीमा 18 से 35 वर्ष निर्धारित है।
बीटीसी करने के फायदे
बीटीसी कोर्स करने के बाद आप प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में टीचर बन सकते हैं। आप किसी भी सरकारी स्कूल जिसमें भर्तियों आने पर अप्लाई करके टीचर की नौकरी कर सकते हैं। इसके अलावा, प्राइवेट स्कूल या कोचिंग संस्थानों में टीचर की नौकरी कर सकते हैं।
(2) एन०टी०टी कोर्स(नर्सरी टीचर ट्रेनिंग)
एन०टी०टी०कोर्स नर्सरी लेवल के टीचर बनने के लिए जरूरी होता है। ये एक साल का कोर्स है जिसे करने के लिए आपको किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं में न्यूनतम 50% अंकों से पास होना जरूरी होगा।
एन०टी०टी०के फायदे
इस कोर्स को करने के बाद आप नर्सरी लेवल के स्कूल में टीचर बनने के योग्य हो जाते हैं। इसके अलावा, आप नर्सरी टीचर असिस्टेंट, प्री- प्राइमरी टीचर, डे केयर टीचर, प्ले स्कूल टीचर के प्रोफाइल पर भी काम कर सकते हैं।
(3) बी०एल०एड०कोर्स (बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन)
ये एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है जो चार साल का होता है। इसमें एडमिशन के लिए एंट्रेंस देना होगा, जिसे हर इंस्टीट्यूट अपने तरीके से करवाता है। कहीं-कहीं मेरिट बेस पर भी एडमिशन होता है।
बी०एल०एड० के फायदे
इस कोर्स को करने के बाद आप प्राइमरी व अप्पर प्राइमरी स्कूल, एन.जी.ओ, नर्सरी स्कूल, डे केयर सेंटर और ट्यूशन क्लासेज में अपना करियर बना सकते हैं। इसके अलावा, आप सी० टेट का एग्जाम देकर अपने आप को टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) के लिए भी योग्य बना सकते हैं। जिसके बाद आप 10वीं तक के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए योग्य हो जाते हैं।
(4) डी०एल०एड कोर्स(डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन)
ये एक डिप्लोमा कोर्स है जो दो साल का होता है। इसे भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12 वीं में न्यूनतम 50% से पास होने के बाद ही किया जा सकता है।
डी०एल०एड० के फायदे
आप इस कोर्स को करने के बाद प्राइमरी स्कूल या प्राइवेट स्कूल (कक्षा 1 से 5 तक), अप्पर प्राइमरी स्कूल में (कक्षा6 से 8 तक) डे केयर सेंटर औऱ प्राइवेट ट्यूशन के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
(5) बी०पी०एड कोर्स (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन)
ये एक अंदर ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है। फिजिकल एजुकेशन कोर्स होने की वजह से आप इसे करने के बाद किसी भी स्कूल में फिजिकल एजुकेशन टीचर के पद पर काम कर सकते हैं।
बी०पी०एड०के फायदे
इस कोर्स को करने के बाद आप फिजिकल एजुकेशन टीचर (प्राइवेट या गवर्नमेंट), स्पोर्ट्स इंस्ट्रक्टर टीचर, योगा टीचर या फिर जिम इंस्ट्रक्टर के पद के लिए योग्य हो जाते हैं और फिर अप्लाई के सकते हैं।
(6) डीपीई कोर्स (डिप्लोमा इन फिजिकल एजुकेशन)
ये दो साल का एक डिप्लोमा कोर्स है जो फिजिकल एजुकेशन पर ही फोकस करता है।
डीपीई कोर्स के फायदे
इस कोर्स को करने के बाद आप फिजिकल एजुकेशन टीचर (प्राइवेट या गवर्नमेंट), स्पोर्ट्स टीचर, यागा टीचर के लिए योग्य हो जाते हैं और अप्लाई कर सकते हैं।
(7) बी०एड०कोर्स (बैचलर ऑफ़ एजुकेशन)
इस कोर्स को करने के बाद आपके पास बैचलर डिग्री की मान्यता हो जाती है। इस कोर्स को करने के लिए आपको ग्रेजुएट होना आवश्यक है।
बी०एड०कोर्स के फायदे
बीएड टीचिंग के लिए सबसे अच्छा कोर्स है। इस कोर्स के बाद आप आसानी से टीचिंग में करियर बना सकते हैं जैसे--अध्यापक, प्रबन्धक, कंटेंट राइटर, इंस्ट्रक्टर, लाइब्रेरियन, प्रिसिंपल, एजुकेशनल रिसर्चर, सिलेबस डिज़ाइनर आदि के पद के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
टीचिंग के फायदे –
- जॉब सिक्योरिटी रहती है।
- जॉब करने में संतुष्टि मिलती है (जॉब सेटिस्फेक्शन)।
- एक फिक्स रूटीन होती है ।
- 9 से 5 की ड्यूटी नहीं होती है, आप जल्दी ही फ्री हो जाते हैं।
- कुछ इंस्टीट्यूट आपको घर, पेंशन, स्वास्थ्य और अन्य फायदे की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
- जीवन भर आप कुछ न कुछ सीखते हैं।
- टीचिंग के द्वारा आप अपनी शिक्षा से लोगों के रोल मॉडल और हीरो बन सकते हैं और समाज में एक अच्छा उदाहरण पेश करते हैं जो अमूमन हर प्रोफेशन में संभव नहीं हो पाता है।
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