महिलाओं के लिए हेल्दी सेहत का खज़ाना है गुड़ का सेवन
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गुड़ गन्ने के रस से निकाला गया अनरिफाइंड शुगर है जो बाजार में ब्लॉक और तरल के रूप में मिलता है। पोषण के मामले में यह हमेशा सफेद दानेदार चीनी से बेहतर होता है जो केवल कैलोरी और शून्य पोषण से भरी होती है। जबकि गुड़ पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो इसे एक बेहतर प्राकृतिक स्वीटनर है।
आयुर्वेद के अनुसार, गुड़ की गर्म तासीर के कारण सर्दियों में इसका केवल काफी ज्यादा किया जाता है। साथ ही, इसमें विशेष रूप से महिलाओं के लिए स्वास्थ्य लाभ भी शामिल हैं। आइए जानते हैं इस ब्लॉग में, सर्दियों में महिलाओं के लिए गुड़ के कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभों के बारे में।
हड्डियों को मजबूत बनाता है
गुड़ में कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम होता है जो महिलाओं के जोड़ों और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। विशेष रूप से, गर्भवती महिलाओं के लिए यदि उन्हें मीठा खाने की इच्छा हो तो यह एक बेहतर विकल्प है। महिलाओं की हड्डियों को मजूबत करने के लिए ऐ हेल्दी ड्रिंक के रूप में दूध में गुड़ डालकर इसका सेवन करना चाहिए।
ब्लड को प्यूरिफाई करता है
गुड़ शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जमे हुए ब्लड को सिस्टम से बाहर निकालने का काम करता है। इसके साथ ही ये लीवर के लिए भी फायदेमंद है। ये हमारे लीवर को डिटॉक्स करता है और ब्लड को साफ करने और शुद्ध करने वाले एजेंट के रूप में कार्य करता है।
पीसीओएस में मदद करता है
चीनी शरीर में शुगर लेवल के स्तर को तुरंत बढ़ा देती है जबकि गुड़ अपने कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण धीरे-धीरे रक्तप्रवाह में शुगर छोड़ता है। यह पीसीओएस और पीसीओडी वाली महिलाओं में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। यह ऐसी महिलाओं में एनीमिया के लक्षणों पर भी नज़र रखता है क्योंकि इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में होता है।
गर्भावस्था में आयरन का बेहतर स्रोत
गुड़ वैसे भी आयरन का अच्छा स्रोत है, लेकिन प्रेग्नेंसी में जहां कोई भी चीज़ खाने से पहले बहुत सोचना पड़ता है। वहीं, गुड़ गर्भवती महिलाओं के लिए भी एक हेल्दी ऑप्शन है। गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्त आयरन की आवश्यकता होती है और गुड़ की चाय, गुड़ मूंगफली की चिक्की, गुड़ की दाल आदि को शामिल करने से मां को आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन, आयरन मिल सकता है। जो एनीमिया की समस्या को रोकता है। हालांकि, प्रेग्नेंसी के मामले अपनी डाइट में कोई भी चीज़ एड करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें, क्योंकि हर महिला का शरीर अलग होता है और गर्भावस्था भी अलग होती है। कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी में जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या होती है, जिसमें गुड़ से परहेज करना बेहतर है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध उत्पादन बढ़ाएं
डिलीवरी के बाद कई महिलाओं का पर्याप्त दूध नहीं बनता है, ऐसे में गुड़ उनके लिए काफी फायदेमंद है। प्रेग्नेंसी के बाद एक गिलास गुड़ का दूध, घी के साथ गुड़ का पानी और बादाम या घी में डूबा हुआ गुड़ का एक टुकड़े का सेवन डिलीवरी के बाद मां के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये माताओं के लिए दूध की आपूर्ति बढ़ाने का काम करता है। यह स्तनपान कराने वाली मां को आसानी से पच भी जाता है और उन्हें कैल्शियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है।
मैनोपोज़ में हॉट फ्लैशेज को रोकता है
गुड़ के साथ अगर आप कोई हेल्दी कूल ड्रिंक खोज रहे हैं, आइस टी बनाकर कर पी सकते हैं। ये मैनोपोज़ के दौरान हॉट फ्लैशेज को कम करने के लिए एक हेल्दी विकल्प है। यह अपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है और मैनोपोज़ल बॉडी को ऊर्जा प्रदान करता है। ऐसे में मैनोपोज़ के गंभीर लक्षणों का सामना करने वाली महिलाओं के लिए ये सही है।
प्रसव और जन्म के बाद अच्छा
जिन महिलाओं ने हाल ही में बच्चे को जन्म दिया है और बहुत ज्यादा लेबर पेन व खून की कमी से गुजरी हैं, वे अपनी डाइट में गुड़ को शामिल ज़रूर करें। इससे आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से बचाव होता है। साथ ही, हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है और शरीर को एनर्जी मिलती है। लेकिन, ध्यान रहे कि आप इसका सेवन बहुत ज्यादा मात्रा में न करें।
आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया में सहायक
आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया महिलाओं में काफी आम है, और ये समस्या उन्हें लगभग 15 वर्ष की उम्र यानी कि रिप्रोडक्टिव फेज़ से ही शुरू हो जाती है। येकम से कम 50 साल की उम्र तक बनी रहती है, जो कि चिंता का विषय हो सकता है। रिप्रोडक्टिव फेज़ में पीरियड, प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफिडिंग, मैनोपोज़ के साथ कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं जिनके पहले लक्षण के रूप में खून की कमी होती है। जिससे वह कमजोर हो सकती है और आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया का खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए, गुड़ को संतुलित आहार का हिस्सा बनाना, चीनी की जगह गुड़ का सेवन करना हमेशा एक अच्छा विकल्प है और साथ ही यह शरीर को पर्याप्त आयरन प्रदान करता है और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है।
मोटापे को रोकता है
गुड़ हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। इससे शरीर की अंदर से सफाई के साथ पाचन में सुधार होता है और शरीर में फैट को जमा होने से रोकता है। अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं तो गुड़ को अपनी डाइट में शामिल करना न भूलें।
आप जान ही चुके हैं गुड़ हमारे सेहत के लिए कितना फायदेमंद है। आप आज ही अपनी डाइट से चीनी को हटाकर गुड़ के पाउडर या ब्लॉक का सेवन शुरू करें। लेकिन, ध्यान रहे किसी भी चीज़ का सेवन एक सीमित मात्रा में सही होता है क्योंकि इसमें स्टार्च भी होता है और ये अनरिफाइंड चीनी होती है। इसलिए, इसका सीमित मात्रा में सेवन करना बेहतर है।
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