वित्तीय साक्षरता का महत्व: महिलाएं भविष्य के लिए कैसे कर सकती हैं बचत
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हम में से कई लोगों ने अपने घर की महिलाओं को कभी ये कहते नहीं सुना होगा कि मुझे एटीएम से पैसे निकालना आता है, मुझे बैंक के कागजात भरने आते हैं, मुझे शेयर मार्केट की जानकारी है आदि। ऐसा नहीं है कि देश की हर महिला ऐसी ही है, लेकिन इस ज्ञान से अनजान देश की कई महिलाएं हैं। वैसे तो वित्तीय साक्षरता हर किसी के लिए जरूरी है, लेकिन यह खासतौर पर महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
ग्लोबल फाइनेंशियल लिट्रेसी एक्सीलेंस सेंटर (जीएफएलई) के आंकड़ों के अनुसार 2020-21 में भारत की पूरी आबादी के मात्र 24% लोग वित्तीय रूप से साक्षर हैं। दूसरे देशों से अगर तुलना की जाए तो यह आंकड़ा काफी कम है। जब ज्यादा चिंता की बात तो ये है कि अलग-अलग राज्यों में महिलाओं की साक्षरता दर 4% से लेकर 50% तक है। गोवा में जहां महिलांओं की वित्तीय साक्षरता दर 50% है, वही भारत के अन्य राज्यों में ये आंकड़ा निराश करने वाला है। उत्तर प्रदेश, बिहार, छतीसगढ़, राजस्थान, झारखंड जैसे राज्यों में महिलाओं की वित्तीय साक्षरता न के बराबर है। छतीसगढ़ में वित्तीय साक्षरता दर मात्र 4% है।
हालांकि, सरकार ने 2022-2025 में महिलाओं, गरीब लोगों, ग्रामीण आदि लोगों को को वित्तीय रूप से साक्षर बनाने के लिए ‘वित्तीय साक्षरता योजना’ चलाई है, जिसका नेतृत्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कर रही है।
आइए देखते हैं कि महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता क्यों है महत्वपूर्ण और कैसे कर सकती हैं महिलाएं भविष्य के लिए बचत।
महिलाओं के लिए वित्तीय साक्षरता का महत्व:
नहीं रहना पड़ेगा किसी पर निर्भर
आज के समय में न जाने कई महिलाओं को अपने वित्तीय काम के लिए, घर के पुरुषों पर निर्भर रहना पड़ता है। एटीएम से पैसे निकालना, बैंक में पैसे जमा कराना, खाता खुलवाने जैसे छोटे-मोटे कामों के लिए महिलाओं को पुरुष का सहारा लेना पड़ता है। अगर महिलाएं खुद सशक्त बनेंगी और वित्तीय साक्षरता हासिल करेंगी तो वे सभी काम बिना किसी की मदद लिए कर सकती हैं।
बच सकती हैं धोखे से
आज के समय ऑनलाइन फ्रॉड काफी हो रहें हैं। इसकी चपेट में वही लोग फंसते हैं, जो वित्तीय रूप से साक्षर नहीं होते हैं। एक ओटीपी देने भर से पूरा बैंक खाली हो सकता है। अक्सर महिलाएं ये गलती कर बैठती हैं। ऐसे में उनका खुद साक्षर बनना बहुत ही जरूरी है ताकि वो खुद को और अपने परिवार को ऐसे नुकसान से बचा सके।
कमा सकती हैं मुनाफा
अगर महिलाएं वित्तीय साक्षरता हासिल करेंगी तो वो कई तरीके से कमाई कर सकती हैं। किचन में छिपाए पैसों को इंवेस्ट करके पैसा कैसे कमाया जा सकता है, ये उन्हें समझ आएगा। कई स्कीम और बैंक की योजना में पैसे इंवेस्ट कर के वो एक्स्ट्रा इनकम कर सकती हैं।
नहीं लेना पड़ेगा भारी ब्याज पर लोन
अक्सर जरूरत पड़ने पर महिलाएं अपने आस-पास के साहूकारों से लोन लेती हैं, जिसका उन्हें भारी ब्याज देना पड़ता है। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि उन्हें बैंक के लोन के बारे में जानकारी नहीं होती। अगर महिला वित्तीय साक्षरता हासिल कर लेती है, तो जरूरत पड़ने पर बिजनेस के लिए लोन कैसे लेना है, उसका भुगतान किस तरह करना है, महिलाएं हर कुछ समझ सकती हैं।
बुरे वक्त में मिल सकती हैं मदद
घर के किसी सदस्य के नाम पर कराई गई जीवन बीमा, चिकित्सा बीमा आदि की जानकारी महिलाओं को नहीं होती है। ऐसे में जब उनके घर में कमाने वाला इंसान नहीं रहता तो रिश्तेदार इसका फायदा उठाकर बीमा का पैसा हड़प लेते हैं या फिर वो कंपनी से पैसा क्लेम नहीं कर पाती। महिला अगर साक्षर होगी तो बुरे वक्त में भी वित्तीय रूप से बेबस नहीं होगी।
महिलाएं भविष्य के लिए कैसे कर सकती हैं बचत?
महिलाओं के लिए वित्तीय रूप से साक्षर बनने के बाद भविष्य के लिए बचत करने के कई रास्ते खुल जाते हैं।
करा सकती हैं एफडी
महिला के पास अगर अधिक राशि जमा हो गई है तो वो इसे बैंक में 3 से 5 साल के लॉक इन पीरियड में फिक्स करा सकती हैं। लॉक इन पीरियड वो अपने मर्जी से तय कर सकती हैं। इससे लॉक इन समय खत्म होने के बाद, मूल धन में ब्याज जुड़कर मिलेगा जिससे काफी फायदा होगा। इसके अलावा भी बैंक बचत के कई स्कीम लाते हैं, जिनका फायदा महिलाएं बचत करने के लिए उठा सकती हैं। लेकिन सही प्लान वो तभी चुन पाएंगी जब वे वित्तीय साक्षरता हासिल करेंगी।
बन सकती हैं सरकारी योजनाओं का हिस्सा
आम लोगों के बचत को ध्यान में रखते हुए, सरकार कई योजनाएं लाती रहती हैं। ऐसे में एक महिला किसी भी योजना में इंवेस्ट कर के भविष्य के लिए बचत कर सकती हैं। इन योजनाओं में शामिल है - राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस), डाकघर मासिक आय योजना (POMIS), सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई), प्रधानमंत्री जन धन योजना, राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) आदि।
म्यूचुअल फंड भी है एक विकल्प
वैसे तो शेयर मार्केट से लोग रिस्क के कारण थोड़ा दूर ही रहते हैं, मगर महिलाएं इस फील्ड में साक्षर होकर म्यूचुअल फंड में इंवेस्ट कर सकती हैं। कम रिस्क से साथ लंबी अवधि में इसमें फायदा भी होता है। अगर महिला अच्छी तरह वित्तीय जगत को समझती है तो वह शेयर बाजार में भी अच्छी कमाई कर सकती हैं।
सारांश
आज का समय तेजी से डिजिटल हो रहा है। ऐसे में महिलाओं को खुद को ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से वित्तीय रूप से साक्षर करना पड़ेगा। महिलाएं जब इन चीजों को खुद समझेंगी और आगे बढ़कर लेन-देन में हिस्सा लेंगी, बचत करेंगी, इंवेस्ट करने के स्कीम को समझेंगी तो उनके साथ-साथ, इस देश की जीडीपी में बढ़तोरी देखने को मिलेगी।
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