सर्दियों में नवजात शिशु का रखें खास ख्याल, अपनाएं ये टिप्स

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मां बनना जीवन का बहुत खूबसूरत अनुभव होता है। मां के बनने के बाद जीवन में कई तरह के बदलाव आते हैं, साथ ही चारों ओर से हर नई मां को कई सलाह भी मिलने लगती है। अपने बच्चे की खुशी में मां जितना खुश रहती है, उतना ही दुविधाजनक होता है उसकी हर छोटी चीज़ की देखभाल करना। नवजात शिशु की देखभाल करना किसी भी मौसम में भारी पड़ सकता है। लेकिन, अगर मौसम सर्दी का हो, तो ऐसे में मां का काम थोड़ा ज्यादा बढ़ ही जाता है। अगर आप भी इस सर्दी में मां बनने जा रही हैं, तो हम आपकी परेशानी को आसान कर देते हैं। आइए जानते हैं इस ब्लॉग में, कैसे हम एक नए शिशु की देखभाल इस सर्दी में कर सकते हैं। 

डिलीवरी के बाद मां को आमतौर पर 40 दिन तक आराम करने की सलाह दी जाती है, ताकि किसी भी तरह की बीमारी और इंफेक्शन से दूर रहे। सर्दियों में आप इस तरह के कुछ टिप्स अपना सकते हैं। 

a newborn baby in her mom's arms

बच्चे को अच्छी तरह कवर करके रखें 

बच्चों के सर्दियों के कपड़े गर्म और आरामदायक होने चाहिए। आप उन्हें मुलायम कप़ड़ों से कवर करके रखें, ताकि उन्हें सांस लेने के लिए आवश्यक जगह मिल सके और वे लंबे समय तक आरामदायक महसूस कर सकें। आपको खुद और बच्चे को ठंड से बचाने के लिए कम से कम दो परत कपड़े पहनने चाहिए।

अपने बच्चे की मालिश करें

आमतौर पर बच्चे को मालिश करने की सलाह दी ही जाती है। लेकिन सर्दी के दिनों में बच्चे की दिन में कम से कम दो बार गुनगुने तेल से मालिश करें। मालिश करने से बच्चे का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ेगा, उसका विकास होगा। इससे पाचन में भी सुधार आता है। मालिश बच्चे को अच्छी नींद देने के साथ-साथ, उसकी हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करती है और बच्चे की त्वचा को आवश्यक पोषक तत्व और नमी प्रदान करती है।

बच्चे को ज़रूर नहलाएं

स्वच्छता बनाए रखने के लिए सफाई और नहाना बहुत महत्वपूर्ण है। सर्दियों में आप बच्चे को एक दिन छोड़कर गुनगुने पानी से नहलाएं। बाकी बचे हुए दिनों में आप उसको बॉडी स्पॉन्ज दे सकती हैं। इसके लिए आप कपड़े बदलने से पहले एक गीला तौलिया लें और उससे अपने शिशु के शरीर को अच्छे से पोंछ लें। इससे बीमारी का खतरा कम होगा और त्वचा की नमी बरकरार रहेगी।

सूरज की रोशनी दें

सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत करने और इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है। आप जब भी बच्चे को नहलाएं, या उसके  कपड़े बदलें तो उसके बाद कुछ समय के लिए उसे धूप में ज़रूर रहने दे। यह भी माना जाता है कि सूरज की रोशनी कीटाणुओं को मारती है और बच्चे के शरीर को गर्माहट मिलती है।

स्तनपान ज़रूर कराएं

मां का दूध शिशु के लिए हर तरह से ही फायदेमंद होता है। इसमें आयरन मौजूद होता है, साथ ही यह बच्चे की हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। बच्चे को किसी भी तरह के संक्रमण और बीमारी से दूर रखने बचाने के लिए मां का स्पर्श और गर्माहट बहुत ज़रूरी है। आप जब भी बच्चे को नहलाएं उसके तुरत बाद उसे दूध पिलाएं।

ज्यादा भारी कंबल का न करें इस्तेमाल 

सर्दियों के दौरान आमतौर पर ठंड से बचने के लिए भारी कंबल व रजाई का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन बच्चे को भारी कंबल में ढंकना सही नहीं है। भारी कंबल से उन्हें गर्मी तो ज़रूर मिलेगी, लेकिन वह असहज महसूस कर सकते है। साथ ही सोते वक्त उन्हें हिलने व अपने हाथ और पैर हिलाने में कठिनाई हो सकती है। ऐसे आप ध्यान रखें कि बच्चे के लिए हल्के कंबल का उपयोग करें और रूम का टैंपरेचर सही बनाए रखें।

वैक्सीनेशन है जरूरी

सर्दी में बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है, इसके लिए अपने नवजात शिशु को इससे बचाने को सही तरीका है कि उसका वक्त पर वैक्सीनेशन कराना। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होते वक्त बच्चे के वैक्सीनेशन शेड्यूल की पूरी जानकारी दी जाती है, जिसका आप सख्ती से पालन करें। गलती से भी कोई वैक्सीन मिस न करें। इसके अलावा, अगर आप बीमार हैं तो बच्चे से दूर रहने की कोशिश करें। इनका इम्यून सिस्टम बेहद कमजोर होता है और थोड़ी सी लापरवाही भी नुकसानदेह हो सकती है।

बीमारी के लक्षणों पर रखें नज़र

किसी भी तरह की बीमारी शुरू होने से पहले वॉनिंग साइन दिखाती है। ऐसे में बहुत ज़रूर है कि उनपर नज़र रखें। ध्यान दें कि सर्दी में आपका बच्चा बहुत ठंडा या बहुत गर्म न हो! अपने बच्चे के कान और गर्दन को छुएं। यदि उनके कान लाल और गर्म हैं और उनकी गर्दन पसीने से तर है, तो आपका बच्चा बहुत गर्म है। ऐसे में ज्यादा कपड़े न पहनाएं, उसे फीड कराएं और गुनगुने या ठंडे पानी में स्पंज करें। यदि लक्षणों में सुधार नहीं होता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

यह जानने के लिए कि आपका बच्चा बहुत ठंडा है या नहीं, अपना हाथ उसकी पीठ, छाती या पेट पर रखें। यदि आपके बच्चे को छूने पर ठंडक महसूस होती है, तो कपड़ों की एक और परत पहनाकर उन्हें गर्म करें। बच्चे के ठंडे कान, नाक या होंठों पर कुछ मिनट के लिए गर्म कपड़ा लगाएं। इसके बाद उन्हें अच्छे से लपेटें, फिर फीड कराएं। अगर लक्षणों में आराम नहीं होता है, तो डॉक्टर से मिलें।

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